हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमोली ने अपने एक बयान में हज़रत फ़ातिमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा की इबादत के मक़ाम को बेहद बुलंद करार दिया।
उन्होंने फ़रमाया कि बीबी दो आलम स.अ. जब नमाज़ के लिए खड़ी होतीं तो ख़ुदावंदे आलम की अज़मत और जलाल में इस क़दर मग्न हो जाती थीं कि उनकी साँसें शिद्दते ख़ौफ़े इलाही से तेज़ होने लगती थीं। रिवायत में है«وَ کانَت فاطِمَةُ علیهاالسلام تَنهَجُ فِی الصَّلاةِ مِن خِیفَةِ اللّهِ تعالی» (بحار الأنوار، ج 67، ص 400)
(बिहारुल अनवार, जिल्द 67, पेज 400)
रसूल ख़ुदा स.अ.व.ने भी हज़रत फ़ातिमा (स.अ.) की इबादत की अज़मत बयान करते हुए फ़रमाया,जब मेरी बेटी फ़ातिमा मेहराबे इबादत में खड़ी होती है तो आसमान के फ़रिश्तों के लिए इस तरह रोशन होती है जैसे आसमान पर कोई सितारा चमक रहा हो।
ख़ुदा फ़रिश्तों से फ़रमाता है ऐ मेरे फ़रिश्तो! देखो मेरी सबसे बेहतरीन इबादतगुज़ार फ़ातिमा को वह मेरे हुज़ूर में खड़ी है, मेरे ख़ौफ़ से उसका पूरा वजूद काँप रहा है, और पूरे ख़ुशूओ ख़ुज़ू के साथ वह मेरी इबादत में मशग़ूल है।
(बिहारुल अनवार, जिल्द 43, पेज 172; फ़ातिमा सलामुल्लाह अलैहा उस्वते बशर, पेज 70)
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